दशहरा कब और क्यों मनाया जाता है :
दशहरा पूजन हिंदू धर्म का मुख्य त्योहार है इसे विजयदशमी त्यौहार भी कहते हैं इस दिन धर्म की धर्म पर जीत असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण को युद्ध में हराकर उसका नाश किया था एवं फिर से धरती पर धर्म को स्थापित किया गया था उसी के उपलक्ष में दशहरा त्योहार मनाया जाता है
दशहरा पूजा के दिन रावन मेघनाथ कुंभकरण का पुतला ही क्यों जलाया जाता है
दशहरा पूजा 2019
दशहरा एक ऐसा पर्व है जिसमें मानव जीवन और दुनिया को एक संदेश ऐसा मिलता है जिसमें व्यक्ति अपनी बुराइयों को समाप्त कर अच्छाई की ओर बड़े अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़े यह होता है दशहरा में रावण कुंभकरण और मेघनाथ उन्हीं कुर्ती की ओर इशारा करते हैं
दशहरा पूजा 2019
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कब है दशहरा पूजा 2019 में
8 अक्टूबर अश्विन मास दशमी तिथि विजयादशमी त्यौहार है
क्या करें दशहरे के दिन
- वाहनों की पूजा एवं उन्हें रक्षा सूत्र बांधा जाए
- शस्त्र पूजन विधान भी दशहरा के दिन होता है
- बहीखाता एवं व्यापारी वर्ग अपने तुला का भी पूजन इस दिन करते हैं

दशानन रावण :
लंकापति रावण के 10 सिर थे एवं वह बहुत बुद्धिमान था ब्राह्मण श्रेष्ठ शास्त्रों का ज्ञाता तंत्र मंत्र का ज्ञाता था परंतु ज्ञान और उसमें बुराइयां भी बहुत थी उसके 10 मुख 10 बुराइयों के प्रतीक थे जानते हैं उसकी 10 बुराइयां जो आज हर मानव में भी पाई जा रही है
अहंकार अत्याचार दुराचार व्यभिचार लोग मोहमाया एवं क्रोध दूर भाव देश इर्षा कृष्णा कुंठा इस प्रकार कई बुराइयों थी और भी कई बुराइयों के कारण वह अत्यंत क्रोधी अधर्म के रास्ते पर चल पड़ा और माता सीता का हरण करने के पश्चात अभी उसे रामजी ने कई मौके दिए परंतु वह अहंकार से ग्रसित होने के कारण नहीं माना और श्री राम अली ने उसे निश्चित कर्मों का फल प्रदान किया और उसका वध किया
मेघनाथ एवं कुंभकरण को भी उनके अधर्म के रास्ते पर चलने एवं अहंकार स्वरूप श्रीराम ने उनका भी वध किया
दशहरा पूजा और त्योहार से समाज एवं हमें क्या सीख मिलती है
मानव एवं आधुनिक युग में व्यक्तित्व एवं चरित्र का पतन होते जा रहा है आज बढ़ते हुए अपराध जैसे कि बलात्कार चोरी अपहरण एक रावण रूपी कर्म है हमें अपने भीतर के रावण को दशहरे में जलाना आवश्यक है मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र को उनकी कथा को हमें आत्मसात कर कर उनके मार्ग पर चलकर ही हम अपने अंदर के रावण को समाप्त कर सकते हैं अतः हमें असत्य का मार्ग छोड़कर सत्य पर चलना चाहिए और धर्म को प्रबल और सफल बनाना चाहिए समाज में फैल रहे कुर्तियां अश्लीलता नशा और पाश्चात्य संस्कृति के रावण को हमें नष्ट कर सच्चे दशहरा पूजन का लाभ उठाना चाहिए
ज्योतिषाचार्य
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